Sunday 23 November 2014

इस भवसागर में कभी सोच कर देखिये कि हम कितने क्षणभंगुर हैं और हमारे हिस्से में इस ब्रह्मांण्ड का कुछ भी नहीं आता। जो कुछ मिला है क्या उसे जी लेना उचित नहीं? कृतज्ञता हमें भूलनी नहीं चाहिये। धन्यवाद ज्ञापन के लिये मेरा ये गीत


1 comment:

  1. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" शनिवार 20 जनवरी 2018 को लिंक की जाएगी ....

    http://halchalwith5links.blogspot.in
    पर आप भी आइएगा ....धन्यवाद!


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